शयन कक्ष के लिए वास्तु टिप्स
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वास्तु अनुसार आपके शयन कक्ष की रचना से आप बेहतर नींद का अनुभव कर सकते है। आप दिन भर ताजगी महसूस करे और आपका अभिगम सकारात्मक बना रहे।
- गलत दिशा में दर्पण का होना एक बड़ी समस्या हो सकती है। पलंग के सामने दर्पण होने से आप दैनिक जीवन में ऊर्जा की कमी महसूस कर सकते है । दक्षिण एवं पश्चिम दिशा में दर्पण लगाना मना है।
- पलंग की रचना ऐसी होनी चाहिए की सोते समय सिर के पीछे खिड़की ना हो ।
- टी वी, मोबाइल एवं कम्प्यूटर जैसे उपकरण पलंग से काफी दूर रखे। ये सभी उपकरणों की तरंगे आपकी निंदकी क्षमता पर विपरीत असर करते है ।
- अपने शयनकक्ष में हल्का ब्राउन , पीला अथवा पिंक रंग का इस्तेमाल करे। लाल एवं ग्रे रंग का प्रयोग शयन कक्ष के लिए नुकसान देय है।
- शयनकक्ष में खुशाली एवं ख़ुशी प्रदर्शित करते हुए चित्र लगाए। अकेलापन, उदास , रोते हुए चहेरे जैसे चित्र आपके वैवाहिक जीवन को नीरस बनाते है।
- बांस की पवन घंटी को शयनकक्ष की खिड़की में लगाने से शयन कक्ष ऊर्जा संतुलित रहती है।
- बेहतर और आरामदेय नींद के लिए सोते समय अपना सर पूरब अथवा दक्षिण में रखे। पश्चिम में सर करके सोने से नींद सामान्य एवं रुकावटपूर्ण रहती है । ट्रैवेलिंग में पश्चिम की ओर सर रखे। महेमानो का पलंग पश्चिम की तरफ रख सकते है ।
- उत्तर की तरफ सिर करके सोने से ब्लड प्रेशर की बीमारी होती है। व्यक्ति की निर्णायक क्षमता काम हो जाती है और कई बार गलत निर्णय भी ले लेते है ।
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